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आयुष्मान भारत: 70 साल से अधिक उम्र वालों के मुफ़्त इलाज की स्कीम की ख़ास बातें

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Getty Images केंद्र सरकार ने 70 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख तक के मुफ़्त इलाज देने की घोषणा की है

केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 'आयुष्मान भारत' योजना में शामिल करने का फ़ैसला लिया है.

इस फ़ैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "हम प्रत्येक भारतीय के लिए किफ़ायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस योजना से साढ़े चार करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे, जिसमें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं.

सरकार की इस पहल पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि सीएजी की ताजा़ रिपोर्ट में इस योजना के बारे में जो लिखा है उसपर भी सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

आइए जानते हैं, इस योजना में क्या है, किन्हें लाभ मिलेगा और जिनके पास प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस है, उनके लिए क्या है?

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 1. ये योजना क्या है?

केंद्र सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देश के गरीब लोगों के लिए चलाती है, जिसके तहत इलाज के लिए प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये का कवर दिया जाता है.

केंद्र सरकार ने इस योजना को विस्तार देते हुए अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी इसमें अलग से पांच लाख रुपये का कवर देने की घोषणा की है.

आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी.

बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में ये वादा किया था कि उनकी सरकार आने पर वो आयुष्मान भारत योजना के दायरे का विस्तार करेगी. इसके अंदर सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जाएगा.

image Getty Images बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में आयुष्मान भारत योजना को वरिष्ठ नागरिकों के लिए विस्तार देने की बात कही थी 2. किसे और कितना मिलेगा फ़ायदा?

70 साल से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, वो इस योजना का लाभ ले सकेंगे. इस योजना के तहत आने वाले वरिष्ठ नागरिकों को अलग से कार्ड जारी किए जाएंगे.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फ़ैसलों की जानकारी देते हुए कहा, " समाज में बदलाव आ रहा है, संयुक्त परिवार से एकल परिवार हो रहे हैं. उसमें वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य के कवरेज के लिए, उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए ये बहुत बड़ा स्टेप है."

वैसे परिवार के वरिष्ठ नागरिक जो पहले से ही आयुष्मान भारत योजना में कवर हैं, उन्हें अब खुद के लिए अलग से 5 लाख रुपये का टॉप-अप कवर मिलेगा, हालाँकि वे इसे परिवार के 70 साल से कम उम्र के दूसरे सदस्यों के साथ शेयर नहीं कर सकेंगे.

परिवार में एक से अधिक वरिष्ठ नागरिक होने की स्थिति में उन्हें 5 लाख रुपये के अतिरिक्त कवर को शेयर करना होगा.

वहीं, आयुष्मान भारत योजना के तहत जो परिवार कवर नहीं है, उन परिवारों के 70 साल से अधिक के बुजुर्गों को भी इसका लाभ मिलेगा.

image Getty Images 3. इस योजना में शेयर्ड का क्या मतलब है?

ये योजना क्योंकि परिवार पर आधारित है इसलिए इसे शेयर्ड बेस्ड रखा गया है.

परिवार में 70 साल से ज़्यादा उम्र के बुजुर्ग इस योजना का इस्तेमाल साझा तौर पर करेंगे.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना में शेयर्ड का मतलब है-वरिष्ठ नागरिकों के साथ साझा.

उन्होंने कहा, " मान लीजिए किसी परिवार में 70 साल के दो सीनियर सिटिजन हैं तो पांच लाख का कवर इन दोनों के लिए होगा."

4. किसे नहीं मिलेगा लाभ?

70 साल और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक जो पहले से ही केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं (सीजीएचएस), पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस), आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) जैसी अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, वे अपनी मौजूदा योजना में बने रह सकते हैं या एबी पीएम-जेएवाई का विकल्प चुन सकते हैं. यानी उनके पास इन दोनों में से किसी एक को चुनने का विकल्प है.

5. किन अस्पतालों में करवा पाएंगे इलाज?

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी पर मौजूद जानकारी के अनुसार फिलहाल दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं जहां एक भी आयुष्मान कार्ड नहीं बना है. हालांकि, ये योजना देशभर में लागू है.

ये एक कैशलेश स्कीम है. मरीज के इलाज का खर्च केंद्र और राज्य सरकार उठाती हैं. मरीज सरकारी अस्पताल के साथ ही प्राइवेट अस्पताल में भी अपना इलाज करा सकते हैं.

6. जिनके पास प्राइवेट कंपनियों का बीमा उनका क्या?

सरकार ने इस योजना की घोषणा करते हुए उन वरिष्ठ नागरिकों का भी ज़िक्र किया है जिन्होंने निजी कंपनियों से बीमा पॉलिसी ख़रीदी है.

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 70 साल या उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिक जो निजी स्वास्थ्य बीमा योजना या कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत आते हैं, वे भी एबी पीएम-जेएवाई के तहत लाभ लेने के पात्र होंगे.

image Getty Images 7. इस योजना का लाभ लेने के लिए करना होगा आवेदन

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बहुत जल्दी इस योजना की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वो इसके लिए आवेदन करें.

उन्होंने कहा, " ये बहुत ही एक बड़ा कार्यक्रम है. इसके लिए शुरुआती रकम 3,437 करोड़ रुपये रखी गई है. ये डिमांड बेस्ड स्कीम है, डिमांड बढ़ेगी तो फिर उसके हिसाब से आगे बढ़ेंगे."

8. क्या हैं चुनौतियां?

देश के कई बड़े डॉक्टरों ने इस स्कीम का स्वागत किया है लेकिन कांग्रेस ने मौजूदा स्कीम के बारे सीएजी की रिपोर्ट पर भी ध्यान देने को कहा है.

लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक समाचार एजेंसी को बताया, "सीएजी की रिपोर्ट देख लें कि किन को अब तक ये लाभ मिल रहा है. कितना मिल रहा है, कितना घपला हो रहा है. सरकार पहले उसपर तो अपना रुख़ स्पष्ट करे. ये नारे देने, योजनाओं के बारे में लफ़्फ़ाज़ी करने से थोड़े योजनाएं लागू हो जाती हैं."

दिल्ली गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट मोहसिन वली इसे एक अच्छी स्कीम बताते हैं.

वो कहते हैं, "देश में जनसंख्या के हिसाब से देखें तो अस्पतालों पर मरीजों का दबाव है. इस स्कीम में सरकारी अस्पताल तो इलाज करते ही हैं, प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश है, वो उल्लंघन नहीं कर सकते हैं. मुद्दा क्लेम सेटलमेंट का है तो सेटलमेंट को सरकार सुधारने में लगी हुई है और समय के साथ प्रक्रिया ऐसी होगी जिसमें मरीज को परेशान नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा, " चुनौती जागरूकता की भी है. अगर किसी को ये नहीं पता हो कि उनकी समस्याओं के समाधान कहां होंगे तो दिक्कतें आती हैं. लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार को देखकर लोग घबरा जाते हैं, इसलिए वो प्राइवेट अस्पताल का रुख करते हैं."

वहीं, डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज पुणे के एमेरिटस प्रोफ़ेसर डॉक्टर अमिताभ बनर्जी का कहना है, " इस स्कीम को बहुत अच्छे से डेमोग्राफ़ी और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं के लिहाज से सही से प्लान नहीं किया गया. भारत युवाओं का देश है. हेल्थ इकोनॉमी के सिद्धांत के अनुसार युवाओं को इस दायरे में लाना चाहिए था, जिनका आगे जीवन काफ़ी बचा हुआ है."

उन्होंने कहा, "70 साल से ज़्यादा उम्र में होने वाले इलाज काफी महंगे होते हैं और उसके लिए 5 लाख रुपये की राशि पर्याप्त भी नहीं है. योजना ग़रीबों के लिए थी, अब 70 साल से ज़्यादा के अमीर बुज़ुर्ग भी इस दायरे में आएंगे जो अपना इलाज वैसे भी करा सकते थे."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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