बांग्लादेश वायु सेना का एक एफ़-7 बीजीआई ट्रेनर विमान सोमवार दोपहर राजधानी ढाका के दियाबारी क्षेत्र में स्थित माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा विभाग के महानिदेशक ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद जाहेद कमाल ने बताया कि हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि 164 लोग घायल हुए हैं.
घायलों को ढाका मेडिकल कॉलेज के पास स्थित नेशनल बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी इंस्टीट्यूट, कुर्मीटोला अस्पताल, ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कंबाइंड मिलिट्री अस्पताल और उत्तरा मॉडर्न अस्पताल सहित अलग-अलग चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कराया गया है.
सरकार के क़ानूनी सलाहकार प्रोफ़ेसर आसिफ़ नजरूल ने कहा, "हमें इस घटना से गहरा दुख हुआ है. सरकार ने पहले ही मंगलवार को शोक दिवस घोषित कर दिया है. इसके साथ ही, हम यह भी जाँच करेंगे कि विमान दुर्घटना कैसे हुई."
माइलस्टोन कॉलेज के लेक्चरर रेजाउल इस्लाम ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि हादसा उस समय हुआ जब स्कूल की छुट्टी होने ही वाली थी.
उन्होंने कहा, "एक लड़ाकू विमान सीधे इमारत से टकराया. इसने नर्सरी और जूनियर सेक्शन की कई कक्षाओं को चपेट में ले लिया. स्कूल का मुख्य गेट पूरी तरह नष्ट हो गया और उसमें आग लग गई."
वहीं एक दूसरे शिक्षक, मसूद तारिक ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने एक विस्फोट की आवाज़ सुनी. "जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो केवल आग और धुआँ दिखाई दिया. यहां कई अभिभावक और बच्चे मौजूद थे."
एक छात्र ने कहा कि उसने विमान को अपनी आंखों के सामने इमारत से टकराते हुए देखा.
बांग्लादेश की फ़ायर ब्रिगेड सर्विस ने सोशल मीडिया पर बताया कि घटनास्थल पर उनकी नौ इकाइयाँ और छह एंबुलेंस मौजूद हैं.
घटनास्थल से सामने आई तस्वीरों में आपातकालीन सेवा के कई कर्मचारी मलबे के बीच से जीवित लोगों को तलाशते नज़र आ रहे हैं.
एक तस्वीर में दमकलकर्मी एक शव को इमारत से बाहर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
कई आम लोग भी पास की इमारतों की छतों पर खड़े होकर घटना को देख रहे थे.

हादसे के कुछ घंटे बाद इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने आधिकारिक बयान जारी किया है.
बयान के मुताबिक़, ''उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही उसमें तकनीकी ख़राबी आ गई. जांच पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.''
आईएसपीआर के मुताबिक़, पायलट फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट मोहम्मद तौकीर इस्लाम ने दुर्घटना और बड़े नुकसान से बचने के लिए विमान को घनी आबादी वाले क्षेत्र से हटाकर कम आबादी वाले इलाके की ओर मोड़ने की भरपूर कोशिश की. लेकिन दुर्भाग्य से विमान ढाका के दियाबारी इलाके में स्थित माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की दो मंजिला इमारत से टकरा गया.
हादसे में पायलट की भी मौत हो गई है.
बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश वायु सेना इस त्रासदी से बेहद दुखी है और पीड़ितों को समुचित चिकित्सा और हरसंभव सहायता मुहैया कराने में पूरी सक्रियता से जुटी हुई है.
फिलहाल सेना, वायु सेना, पुलिस, आरएबी और अग्निशमन सेवा की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं और हालात सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.
वायु सेना ने हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया है, जो दुर्घटना के कारणों की विस्तृत समीक्षा करेगी.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि घटना के कारणों की जांच के लिए "ज़रूरी कदम" उठाए जाएंगे और "हर प्रकार की सहायता सुनिश्चित की जाएगी".
उन्होंने कहा, "यह राष्ट्र के लिए गहरे दुख का क्षण है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ और संबंधित अस्पतालों सहित सभी प्राधिकरणों को इस स्थिति को अत्यंत प्राथमिकता के साथ संभालने का निर्देश देता हूँ."
बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है, इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.
दुर्घटनाग्रस्त विमान के बारे में कितना पता है?बांग्लादेश वायु सेना के पूर्व अधिकारी, सेवानिवृत्त एयर कमोडोर इस्फाक इलाही चौधरी ने बीबीसी बांग्ला से कहा है कि ऐसा हो सकता है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान एफ़-7 लड़ाकू विमान का ट्रेनिंग वर्शन रहा हो.
उन्होंने बताया कि यह विमान चीन में बनता है और बांग्लादेश वायु सेना लगभग तीन दशकों से एफ-7 के कई वर्शन का इस्तेमाल कर रही है.
अस्पतालों में अपनों को ढूंढ़ते परिजनबीबीसी बांग्ला ने उत्तरा के कई अस्पतालों का दौरा किया. वहां घायल बच्चों और युवाओं के परिजनों की भीड़ देखी गई. कई लोग घायलों के साथ पहुंचे थे, जबकि कुछ अपने लापता रिश्तेदारों की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे थे.
कई परिजन अपने बच्चों की तस्वीरें लेकर अस्पतालों में घूमते नजर आए. कुछ लोग इसी अस्पताल में अपने परिवारवालों को ढूंढ़ने के लिए पहुंचे थे, ज
घटना की सूचना मिलते ही घायलों के परिजन अस्पताल पहुंचने लगे और अफरा-तफरी में इधर-उधर भागते दिखाई दिए. कई स्थानीय लोग स्वेच्छा से रक्तदान के लिए आए. कुछ ने बचाव कार्यों में भी हिस्सा लिया.
एक डॉक्टर ने बीबीसी को बताया कि घायलों और जले हुए लोगों में ज़्यादातर की उम्र 10 से 18 वर्ष के बीच है. लगभग सभी छात्र माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज की अलग-अलग कक्षाओं से हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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