ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने लगभग 384 करोड़ रुपये का दूसरा टेंडर जारी किया है। इस नए टेंडर में टर्मिनल बिल्डिंग, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, एक फायर स्टेशन, कार पार्किंग सुविधाओं और शहर के विकास पर पूरा ध्यान दिया गया है। इससे पहले फरवरी में एक टेंडर जारी किया गया था। अब दोनों टेंडर जारी होने के बाद परियोजना की कुल समय-सीमा काफी कम हो जाएगी।
व्यापक बुनियादी ढाँचा योजना गतिमान
कोटा एयरपोर्ट परियोजना के इस दूसरे चरण में यात्रियों को कई सुविधाएँ और सेवाएँ मिलेंगी। यात्रियों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यहाँ एक आधुनिक और विशाल टर्मिनल बिल्डिंग का भी निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं, सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करके उड़ान नेविगेशन और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण एटीसी टावर भी बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, आधुनिक अग्निशमन और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों से लैस दमकल गाड़ियों का भी निर्माण किया जा रहा है। यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए न केवल परिचालन संरचना, बल्कि शहर की ओर पार्किंग, प्रवेश-निकास मार्ग, भूनिर्माण और सहायक सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी।
हर मौसम में आधुनिक विमानन संचालन के लिए सुसज्जित
बता दें कि कोटा का यह हवाई अड्डा सभी आधुनिक विमानन तकनीकों से लैस होगा। दरअसल, इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि मौसम की स्थिति चाहे जो भी हो, निर्बाध संचालन सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, रनवे पर कैट 1 श्रेणी की लाइटों वाला एक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिसकी मदद से तूफ़ान, कोहरे या कम दृश्यता वाली रातों में भी विमान आसानी से उतर सकेंगे। इतना ही नहीं, सटीक नेविगेशन के लिए एक डेवर सिस्टम भी लगाया जाएगा।
राजस्थान का सबसे बड़ा हवाई अड्डा
बता दें कि कोटा का ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा बनकर तैयार होते ही यह राजस्थान का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। इसमें सात विमानों को समायोजित करने की क्षमता है। यह हवाई अड्डा क्षेत्र के लिए एक आधुनिक विमानन केंद्र के रूप में काम करेगा।