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नींद की कमी हो सकती है जानलेवा, जानें कितने घंटे की नींद है जरूरी

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, इंसान के लिए सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं है, लेकिन अगर वो इसे दांव पर लगाकर जिंदगी की सारी ख्वाहिशें पूरी करना चाहे तो कई बार उसे इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है. जैसा कि हाल ही में 26 साल की CA एना सेबेस्टियन पेरायिल के साथ हुआ. ज्यादा सीखने की चाहत ने उन्हें मौत के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया था. उन्हें कई बार इसके संकेत मिले लेकिन छोटी सी उम्र में अपने सपने पूरे करने और अच्छी सैलरी की चाहत में उन्होंने अपनी सेहत (health) से समझौता कर लिया. पूरी नींद और अच्छा खाना खाने की जगह वो आधी नींद से काम चलाती थीं. जिससे दिल पर दबाव पड़ता था और जिसका डर था वही हुआ. एना ने खुद मौत को न्योता दिया और काम के दबाव और कम नींद ने उनकी जान ले ली.

पर्याप्त नींद है बेहद जरूरी

एना  चली गई लेकिन आज के युवाओं के लिए एक संदेश छोड़ गई कि तरक्की के साथ-साथ सेहत से समझौता नहीं करना चाहिए.खाने के साथ-साथ पर्याप्त नींद भी बहुत जरूरी है. क्योंकि नींद की कमी (lack of sleep) से न केवल थकान और मानसिक स्वास्थ्य( Mental health) पर गहरा असर पड़ सकता है, बल्कि लिवर की सेहत(Liver Health) पर भी असर पड़ सकता है. लिवर शरीर का एक अहम अंग है, जो पाचन और ऊर्जा उत्पादन जैसे कई महत्वपूर्ण काम करने में मदद करता है. ऐसे में नींद की कमी की वजह से लिवर में सूजन और दूसरी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

कम से कम 7 घंटे सोना है जरूरी

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार 18-60 वर्ष की आयु के वयस्कों को हर दिन कम से कम 7 घंटे सोना चाहिए. हर उम्र के लिए डेली रेकमेंडेड स्लीप टाइम अलग-अलग होता है. अगर इस मात्रा में इसकी पूर्ति नहीं की जाती है तो इसके घातक परिणाम तुरंत नहीं होते बल्कि एक धीमे जहर (Slow Poison)  की तरह यह आपके शरीर में धीरे-धीरे प्रवेश कर उसे कमजोर करता है. जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)कम होने लगती है. और आपका लिवर कोलेप्स होने की कगार पर पहुंचने लगता है. लेकिन उससे पहले शरीर आपको इसके लिए कई संकेत भी देता है.जो इस प्रकार हैं.इन्हें समझकर आप मौत की बारीक रेखा (The fine line of death)को पार करने से बच सकते हैं.

नींद की कमी के कारण लिवर पर प्रभाव

नींद की कमी से शरीर में विषाक्त पदार्थों (Toxins) का जमाव हो सकता है, जो लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है. कई बार इससे लिवर में सूजन भी बढ़ जाती है, जो समय के साथ लिवर रोग का कारण बन सकती है. इतना ही नहीं नींद की पूरी न होने पर मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी होती है, जिससे फैटी लिवर रोग का खतरा बढ़ जाता है.

लिवर डैमेज होने के शुरुआती लक्षण

जब भी हम काम करके घर लौटते हैं तो हमें पहले से पता होता है कि आज हमने बहुत काम किया है. लेकिन अगर आपको जरूरत से ज्यादा थकान और सुस्ती महसूस होने लगे तो ये लिवर डैमेज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ऐसे समय में पेट में दर्द और असहजता महसूस होती है. लिवर डैमेज होने पर आपको भूख कम लगती है और खाना ठीक से नहीं पचता. कई बार इससे स्किन में खुजली जैसी समस्याएं भी होने लगती है. 

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