कोटा में 16 साल की नाबालिग लड़की का बाल विवाह रुकवाया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल अधिकार विभाग की टीम आज दोपहर 3 बजे लड़की के घर पहुंची। उस समय शादी की रस्में चल रही थीं। दस्तावेजों की जांच करने पर लड़की की उम्र 18 से कम पाई गई। इस पर परिवार को शादी करने से रोक दिया गया। 4 मई को बारात आनी थी। मामला कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र का है।
30 अप्रैल को हुआ था लगान
बाल अधिकार विभाग के संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया- बाल विवाह 4 मई को था। इससे पहले 30 अप्रैल को शादी का कार्यक्रम हो चुका था। आज जब टीम पहुंची तो तेल की रस्म चल रही थी। टीम को देखकर परिवार डर गया। परिवार से पूछताछ करते हुए लड़की के स्कूल के दस्तावेज मांगे गए। कागजों में लड़की की उम्र 16 साल बताई गई है। इस पर नायब तहसीलदार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत परिवार को पाबंद किया।
बालिका को बालिका गृह में आश्रय दिलाया
टीम को संदेह था कि परिवार बालिका का बाल विवाह करा सकता है। इस कारण उसे संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, सदस्य बाबूलाल मेहरा, ऋषभ जैन, अंजुम बानो के समक्ष पेश किया। बालिका को राजकीय बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया गया।
इस टीम ने बाल विवाह रुकवाया
जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकार विभाग के सहायक निदेशक रामराज मीना ने बताया- बाल विवाह कराने गई टीम में बाल अधिकार विभाग के संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, संजय मेहरा, सृष्टि सेवा समिति के जिला समन्वयक भूपेंद्र सिंह, चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक नरेश मीना, काउंसलर महिमा पंचाल, सुपरवाइजर श्रुति शर्मा, नायब तहसीलदार जानकी लाल मीना, कुन्हाड़ी थाने से सहायक उपनिरीक्षक लटूरलाल मौजूद थे।
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