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खींवसर उपचुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, जिला परिषद सदस्य संजीव डांगावास ने छोड़ी पार्टी

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नागौर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान की जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होना है, उसमें नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट सबसे चर्चित है. खींवसर विधानसभा सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखिया हनुमान बेनीवाल का गढ़ माना जाता है. यह सीट लंबे समय से बेनीवाल परिवार के पास है. लेकिन इस बार यहां BJP, कांग्रेस और आरएलपी तीनों दलों के प्रत्याशी मैदान में हैं. इस बीच खींवसर के रण को जीतने के लिए सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने पाले में स्थानीय नेताओं को जोड़ने का सिलसिला भी जारी है. इस बीच मंगलवार को खींवसर में भाजपा को एक बड़ा झटका लगा. नागौर के पूर्व सांसद भंवर सिंह डांगावास के पुत्र और जिला परिषद सदस्य संजीव डांगावास ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया.  

संजीव डांगावास नागौर लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए थे. उनके परिवार का नागौर में ऊंचा राजनीतिक रसूख है. संजीव के पिता भंवरसिंह डांगावास नागौर से सांसद भी रह चुके हैं. संजीव भाजपा से 30 साल से थे. लेकिन अब उपचुनाव से पहले उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं. 

उधार की फौज से जंग नहीं जीत सकतेः संजीव डांगावास

संजीव चौधरी ने भाजपा पार्टी और ज्योति मिर्धा पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उपेक्षा व अपमान का आरोप हुए बोले उधार की फौज से लड़ाई नहीं जीत सकते. भाजपा के जिला परिषद सदस्य (वार्ड 12) एडवोकेट संजीव सिंह डांगावास ने पार्टी और जिला परिषद सदस्य छोड़ने का ऐलान करते हुए पार्टी संगठन पर निशाना साधा. 

कांग्रेस से आए व्यक्ति को बना दिया जिला प्रमुख

नागौर के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डांगावास ने कहा जिला परिषद प्रमुख के चुनाव के समय 20 में से 15 सदस्य साथ थे, सबने कहा कि उन्हें (संजीव सिंह) को जिला प्रमुख बनाइए. उस समय कांग्रेस से भाजपा में आए हुए एक आदमी को जिला प्रमुख बना दिया, यह जिला प्रमुख पूरे जिले में कहीं भी घूमते हुए नजर नहीं आते, जिला परिषद में हमारे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं, मंच पर सरपंच बैठते हैं और पुराने सीनियर कार्यकर्ता सामने नीचे बैठते हैं.

भाजपा छोड़ते समय ज्योति मिर्धा पर जमकर बरसे संजीव डांगावास

पार्टी छोड़ते समय संजीव डांगावास ने ज्योति मिर्धा पर जमकर हमले किए. उन्होंने कहा कि हमने 30 साल पार्टी की सेवा की,  मिर्धाओं से दुखी होकर हम भाजपा को लाए थे. अब बीजेपी है ही नहीं, अब यहां कांग्रेस ही फूल (कमल) हो गई है. यहां काम हो रहे हैं ज्योति मिर्धा के, अब ज्योति हमारे काम करेगी या कांग्रेस से जिन्हें भाजपा में लेकर आई है, उनके काम करेगी. भाजपा में जिसके पास आत्मसम्मान है, वह ज्योति के पास नहीं जाएगा वह संगठन के पास जाएगा और संगठन लाचार है. 

ज्योति मिर्धा उधार की सेनापतिः संजीव

उन्होंने कहा हाल ही में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी नागौर आए तो उनका स्वागत रिछपाल मिर्धा ने कुचेरा में एक कांग्रेस जनप्रतिनिधि के घर पर किया. खींवसर उप चुनाव को लेकर डांगावास ने कहा कि ज्योति मिर्धा खुद कह रही है कि ये चुनाव खुद लड़ रही है.उन्होंने आगे कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि डांगा (भाजपा प्रत्याशी रेवतराम डांगा) के लड़ने से पार नहीं पड़ेगी ज्योति के लड़ने पर ही पार पड़ेगी. ज्योति मिर्धा को उधार का सेनापति बतया और कहा खींवसर में भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही है पार्टी प्रत्याशी के अलावा संगठन का कोई पदाधिकारी वहां नहीं घूम रहा है. नागौर में भाजपा नहीं सिर्फ ज्योति है, अभी भाजपा मतलब ज्योति मिर्धा है.

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