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Bundi बारिश के बाद सड़कें बनी जानलेवा, 3 लोगों की हो चुकी मौत

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बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी छोटीकाशी की सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों की जान खतरे में है। अधिकांश रोड जर्जर और गड्ढों से भरे हैं। हालात यह हैं कि स्टेट हाइवे पर भी जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं है। बूंदी-लाखेरी स्टेट हाइवे पर पहले भी तीन लोगों की मौत हो चुकी है। अब बहादुरसिंह सर्किल से जलदाय विभाग के ऑफिस तक सड़क उखड़ चुकी है। 50 हजार लोग तो यहां निवास करते हैं। इसके अलावा हजारों लोगों का आना-जाना इसी रोड से रहता है। फिर भी किसी अधिकारी ने रोड की सुध तक नहीं ली।

इस रोड पर तेज बारिश के दौरान बाढ़ के हालात बन गए थे। पूरी सड़क जलमग्न हो गई। पीडब्ल्यूडी ने 4 माह पहले यहां पैचवर्क कराया था, जो बारिश में बह गया। 10 से 12 जगह तो बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। वहीं, सीवरेज के चैंबर की हालत भी खराब है। पावर हाउस के सामने सड़क के बीचों-बीच हो रहे गड्ढे में कई लोग गिर चुके हैं। शहर की आधी आबादी निर्माण रोड पर निवास करती है। 50 हजार से अधिक लोग अलग-अलग कॉलोनी में रहते हैं। अब हजारों लोग परेशान हो रहे हैं।बारिश के बाद शहर की प्रमुख सड़कों की हालत जर्जर हो गई है। नैनवां रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों को स्टेट हाइवे पर भी दिक्कत आ रही है। इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से भी बात करेंगे। -सरोज अग्रवाल, सभापति

लंकागेट रोड की स्थिति काफी खराब है। सड़क जगह-जगह से टूटी हुई थी। अब रोड पर जानलेवा गड्ढे हो गए हैं, फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। इस रोड पर 100 से अधिक दुकानें हैं। वहीं, गर्ल्स कॉलेज, गुरुनानक कॉलोनी, विकास नगर, बाहरली बूंदी और मुख्य बाजार में जाने का रास्ता यहीं से है। रोजाना 5 से 7 हजार से लोगों का आवागमन रहता है। क्षेत्र के कालू कटरा, बंटी गौतम ने बताया कि कोई सुनवाई नहीं कर रहा। चारपहिया वाहन आने की सूरत में दोपहिया वाहन तो निकल ही नहीं सकता। कई लोग चोटिल हो चुके हैं। सीसी सड़क पास भी हो गई, लेकिन डेढ़ साल में भी नहीं बनी।

चारपहिया वाहनों के टायर गड्ढों में धंसते हैं चित्तौड़ चौराहा से पेट्रोल पंप तक और खटीक भवन से अग्रवाल सेवा सदन तक 6 माह पहले सीवरेज लाइन डालने के लिए रोड काटा था। कंपनी ने अब तक रोड नहीं बनाया। बारिश के बाद और ज्यादा स्थिति खराब हो गई। सड़क पर गिट्टी फैली हुई, जिसके चलते हादसे हो रहे हैं। बड़े वाहन निकलने से गिट्टी उछलकर दुकानों पर चली जाती है। दुकान संचालक जोधराज सिंह ने बताया कि दोपहिया वाहन चालक गिर चुके हैं। चारपहिया वाहन के टायर धंस जाते हैं। संवेदक खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ ग्रेवल डालकर गड्ढे भर देते हैं।

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