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हनुमान जयंती के मौके पर जानिए बीकानेर के उस मंदिर की रहस्यमयी गाथा, जहाँ खुद हनुमान जी को लगी गोली

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बीकानेर को धर्मनगरी के नाम से जाना जाता है। यहां एक अनोखा मंदिर है, जो पूरी दुनिया में सिर्फ इसी शहर में है। हम बात कर रहे हैं बीकानेर से सात किलोमीटर दूर सरेह नाथनिया गोचर भूमि में बने गोली वाले हनुमान जी के मंदिर की। इस मंदिर का नाम सुनने में भले ही अजीब लगे। लेकिन यह सच है कि यहां हनुमानजी की मूर्ति के पैर में एक गोली लगी थी। तभी से इस मंदिर को गोली वाले हनुमान जी कहा जाता है। इस मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति के पैर पर आज भी इस गोली के निशान देखे जा सकते हैं। इसके अलावा इस मंदिर के गेट पर गोली से बना छेद भी देखा जा सकता है। इस मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

गोली वाले हनुमान जी की क्या है कहानी?
मंदिर से जुड़े चेतनराव भाट ने लोकल 18 को बताया कि गोली वाले हनुमान जी का यह मंदिर करीब 400 से 500 साल पुराना है। यह गोली मंदिर से कुछ ही दूरी पर पुलिस फायरिंग रेंज से सीधे हनुमानजी के पैर में लगी थी। यह घटना करीब 40 से 45 साल पुरानी है। उसके बाद से लोग इस मंदिर को गोली वाले हनुमान जी के नाम से पुकारते हैं। इस मंदिर में सुबह-शाम भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां मान्यता है कि भक्त जो भी मुराद मांगते हैं, वह गोली की तरह यानी बहुत जल्दी पूरी होती है।

कैसे चली गोली?
लोकल 18 को वे बताते हैं कि इस मंदिर से थोड़ी दूरी पर पुलिस फायरिंग रेंज थी। जहां पुलिसवाले फायरिंग की प्रैक्टिस करते थे। एक बार इस फायरिंग रेंज से एक गोली सीधे मंदिर की तरफ आई और भगवान के निजी मंदिर के गेट को चीरते हुए सीधे हनुमानजी के पैर में जा लगी। इसके बाद यहां से पुलिस फायरिंग रेंज को हटा दिया गया। फिर इस फायरिंग रेंज को मंदिर के पीछे थोड़ी दूरी पर शिफ्ट कर दिया गया, ताकि लोगों और जानवरों को कोई नुकसान न पहुंचे।

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