प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के 19 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि मामला रियल एस्टेट में निवेश करने वाली पर्ल एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) में हुए 48 हजार करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई बताया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया के जरिए ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'क्योंकि प्रताप सिंह खाचरियावास भाजपा सरकार द्वारा आईफा के नाच-गाने पर खर्च किए गए 100 करोड़ रुपये पर तीखे सवाल पूछ रहे हैं। क्योंकि जयपुर का बेटा उन 100 करोड़ रुपये के बारे में सवाल पूछ रहा है, जो कांग्रेस सरकार ने पूज्य देवता गोविंद देव जी के मंदिर कॉरिडोर और भव्यता के लिए घोषित किए थे।
भाजपा ने ईडी को फ्रंटल संगठन बनाया- डोटासरा
उन्होंने कहा कि क्योंकि प्रताप सिंह खाचरियावास चुनाव हारने के बाद जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए वे हर मुद्दे पर सरकार को आईना दिखा रहे हैं। बदले की भावना से की गई इस कार्रवाई की मैं कड़ी निंदा करता हूं। खाचरियावास जी कांग्रेस के बब्बर शेर हैं। वे डरेंगे नहीं, बहादुरी से लड़ेंगे और जीतेंगे। भाजपा ने ईडी को अपना फ्रंटल संगठन बना लिया है। आज सरकारी एजेंसियों का काम सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और जनता की बात करने वाले नेताओं को डराना-धमकाना रह गया है। डोटासरा ने आगे लिखा कि पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने ईडी के जरिए कितने भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की? सिर्फ विपक्षी नेताओं को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? भाजपा ने नेताओं को भ्रष्ट बताया, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद क्या सरकार ने उन 'भ्रष्ट' नेताओं पर कार्रवाई की? सत्ता की गोद में बैठे कितने नेताओं पर कार्रवाई की? सरकार को जवाब देना चाहिए।
राजनीतिक मकसद से की गई छापेमारी- गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लिखा कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर ईडी की छापेमारी निंदनीय है। 12 अगस्त 2020 को ईडी ने खाचरियावास से 7-8 घंटे तक पूछताछ की, ताकि उन्हें 2020 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के प्रयास के दौरान भाजपा का खुलकर विरोध करने के लिए परेशान किया जा सके। क्योंकि वे राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं, इसलिए ईडी ने फिर से दस्तक दी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने राजनीतिक मकसद से हमारे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर, तत्कालीन विधायक ओम प्रकाश हुड्डा के घर पर छापेमारी की थी। तब भी ईडी की पोल खुल गई थी। अब विपक्षी नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की ऐसी कार्रवाई से कोई हैरान नहीं है। इन एजेंसियों का पूरी तरह से राजनीतिक मकसद से दुरुपयोग किया जा रहा है और आम जनता के बीच यह साफ हो रहा है कि कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक फायदे के लिए निशाना बनाया जाता है।
राजनीतिक बदला लिया जा रहा है- पायलट
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्विटर पर लिखा कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर की गई ईडी की कार्रवाई सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ जिस तरह से एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे साफ संकेत मिलता है कि राजनीतिक बदला लिया जा रहा है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करते हैं और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस जनता के अधिकारों और आवाज को उठाने के लिए मजबूती से खड़ी रहेगी।
राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई- जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास जी भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे हैं। इससे घबराकर भाजपा सरकार ने उनके घर केंद्रीय एजेंसियां भेजी हैं। 2020 में भी उन्हें इसी तरह से परेशान करने की कोशिश की गई थी। राजनीतिक बदले की भावना से प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ की जा रही यह कार्रवाई निंदनीय है।
क्या है पूरा मामला…
राजस्थान में 17 साल से रियल एस्टेट निवेश में जुटी पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ रुपए निवेश किए थे। जबकि देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ रुपए निवेश किए थे। कंपनी के खिलाफ बिहार, महाराष्ट्र, एमपी, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मामले दर्ज हैं। सबसे पहले जयपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी। बताया जा रहा है कि इस मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी करीब 30 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
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