रणथंभौर की घटना के बाद अलवर के सरिस्का का प्रशासन अब अलर्ट मोड पर है। सरिस्का में धार्मिक स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अब सावधान करने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। अलवर सरिस्का में 5 रेंज हैं, जिसमें एक बफर रेंज भी शामिल है। इस बफर रेंज में एक दर्जन धार्मिक स्थल हैं, जहां रोजाना श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। साथ ही इस बफर रेंज में इस समय 5 बाघों का मूवमेंट है।
बाघ के हमले के बाद अलर्ट
बाला किला बफर एरिया में पिछले दिनों करणी सागर वाटर हॉल के पास बाघिन 2302 ने अपना क्षेत्र बना लिया था, जिसे पर्यटक भी देख रहे थे। लेकिन रणथंभौर में बाघ के हमले के बाद करणी सागर स्थित करणी माता मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी रोक दिया गया। बाघिन के कारण वेग बदलने के बाद श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू कर दिया गया।
मंदिर के अलावा जंगल में न जाने की सलाह
सरिस्का के बफर एरिया में पहले भी मंदिरों के आसपास बाघों का क्षेत्र रहा है। अब श्रद्धालुओं को पूरी तरह सुरक्षित रहने और मंदिर के रास्ते के अलावा जंगल में न जाने की सलाह दी जा रही है। सरिस्का प्रशासन ने जंगलों में स्थित धार्मिक स्थलों के आसपास निगरानी दल की गश्त भी बढ़ा दी है, ताकि रणथंभौर जैसी घटना दोबारा न हो।
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