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Rajasthan Politics: 4 IAS की नियुक्ति को लेकर राजस्थान में खड़ा हुआ नया सियासी बवाल, डोटासरा ने डबल ईंजन सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 18 अगस्त 2025 को राजस्थान कैडर के लिए चार नए आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा की। इस नियुक्ति के तहत राजस्थान प्रशासनिक सेवा-2020 बैच के चार अधिकारियों डॉ. नीलिमा जैनवाल, प्रमोद कुमार मीणा, संजीव कुमार मित्तल और नरेंद्र कुमार को आईएएस में पदोन्नत किया गया है। इसके अलावा, अन्य सेवाओं से चयनित चार अधिकारियों डॉ. नितीश शर्मा, अमिता शर्मा, नरेंद्र कुमार मंघानी और नरेश कुमार गोयल को परिवीक्षा पर आईएएस में शामिल किया गया है। ये सभी अधिकारी सामान्य वर्ग से हैं। इस चयन प्रक्रिया को लेकर राजस्थान में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

चयन प्रक्रिया में जातिवादी मानसिकता
पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) और अल्पसंख्यक वर्ग से किसी भी अधिकारी का चयन न होना भजनलाल सरकार की जातिवादी मानसिकता को उजागर करता है। डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि राजस्थान में अन्य सेवाओं से आईएएस बने नितीश शर्मा जी, अमिता शर्मा जी, नरेंद्र कुमार मंघानी जी और नरेश कुमार गोयल जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। यह बेहद गंभीर और आश्चर्यजनक है कि सरकार को एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग में कोई भी योग्य अधिकारी नहीं मिला!

डोटासरा ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जातिगत जनगणना के पक्षधर हैं ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके और सभी को जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी मिल सके। चयन प्रक्रिया में सभी वर्गों के योग्य अधिकारियों को हमेशा योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर समान अवसर दिया गया है। लेकिन राज्य के इतिहास में पहली बार चारों सीटें सामान्य वर्ग से ही भरी गईं। उन्होंने कहा कि यह जातिवादी मानसिकता के खुले प्रदर्शन का मामला है। 36 समुदायों के वोट से सत्ता में आई भाजपा सरकार की जवाबदेही जातिवादी सोच वाले अधिकारियों के प्रति नहीं, बल्कि जनता के प्रति है।

अन्य सेवाओं से चयन प्रक्रिया?

जानकारी के अनुसार, राजस्थान में अन्य सेवाओं से आईएएस में चयन के लिए एक निश्चित कोटा निर्धारित है। चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार समिति में राज्य के मुख्य सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव और सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सहित तीन अधिकारी शामिल होते हैं। आमतौर पर इस प्रक्रिया में सभी श्रेणियों के योग्य अधिकारियों को समान अवसर दिए जाने की परंपरा रही है। लेकिन इस बार चारों पदों पर सामान्य वर्ग के अधिकारियों के चयन ने विवाद खड़ा कर दिया है।

पूर्व नियुक्तियों में थी विविधता

जानकारी के अनुसार, पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि राजस्थान में पूर्व नियुक्तियों में विभिन्न श्रेणियों को प्रतिनिधित्व दिया गया था। वर्ष 2021 में चार रिक्तियों के लिए एक सामान्य वर्ग, एक अनुसूचित जाति और दो अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों का चयन किया गया था। वहीं, 2022 में दो रिक्तियों के लिए एक अनुसूचित जाति और एक अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारी का चयन किया गया था। इस बार 2025 में चारों पदों पर सामान्य वर्ग के अधिकारियों के चयन के साथ, यह पहली बार है कि सभी सीटें एक ही श्रेणी को दी गई हैं।

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