राजस्थान के लूणकरणसर थाना क्षेत्र के कालवास गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। गांव के निवासियों ने झाड़ियों में नवजात बच्ची को लावारिस अवस्था में पाया। बच्ची को जन्म के कुछ ही घंटों बाद वहां छोड़ दिया गया था।
बच्ची की हालत और बचावस्थानीय लोगों ने बच्ची की रोने की आवाज सुनी और तुरंत उसकी तलाश की। झाड़ियों में उन्हें बच्ची मिली, जो बेहद कमजोर और ठंडी हालत में थी। तुरंत ग्रामीणों ने सामाजिक संस्था टाइगर फोर्स को सूचना दी। टाइगर फोर्स के सदस्यों ने बच्ची को सावधानीपूर्वक उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य जांच के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में इलाजअस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने बच्ची की स्थिति की जांच की। डॉक्टरों के अनुसार, नवजात स्वस्थ है, हालांकि जन्म के तुरंत बाद लावारिस हालत में पाई गई थी। चिकित्सकों ने बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए निगरानी में रखा है और उसकी देखभाल का जिम्मा लिया है।
पुलिस जांचइस मामले की सूचना मिलते ही लूणकरणसर थाना पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि बच्ची को क्यों और किसने झाड़ियों में छोड़ दिया, इसका पता लगाया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक और स्थानीय प्रतिक्रियाघटना के बाद गांव में चिंता और सदमे का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी नवजात बच्ची को इस तरह लावारिस छोड़ना बेहद निंदनीय और अस्वीकार्य है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे मामलों में कड़ी निगरानी और तुरंत कार्रवाई की जाए। टाइगर फोर्स के सदस्यों ने भी लोगों से संवेदनशील रहने और जरूरत पड़ने पर ऐसे बच्चों की मदद करने की अपील की।
कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोणविशेषज्ञों का कहना है कि नवजात बच्चियों को जन्म के तुरंत बाद छोड़ना गंभीर अपराध है और इसे सामाजिक और कानूनी रूप से गंभीरता से लिया जाता है। राज्य और केंद्र के कानूनों के तहत ऐसे मामलों में बाल संरक्षण और महिला सुरक्षा के प्रावधान लागू होते हैं।
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