जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर केक मिक्सिंग सेरेमनी क्रिसमस के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। यह देशभर के होटल्स में मनाया जाने वाले एनुअल इवेंट है। इस सेरेमनी का आगाज टोंक रोड स्थित होटल रेडिसन ब्लू में मंगलवार को हुआ। इसमें जयपुर शहर के ब्लॉगर और जाने-माने लोग शामिल हुए। केक मिक्सिंग सेरेमनी क्रिसमस के आगमन और सर्दियों की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए आयोजित की जाती है। इसे होटल या कैफे के सबसे प्रतीक्षित पारंपरिक अनुष्ठानों में से एक माना जाता है। इसमें सूखे मेवे में वाइन मिलाने की परंपरा है। सेरेमनी में जयपुराइट्स ने बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मिक्सिंग टेबल पर बड़े कंंटेनरों में इस परम्परा को पूरा किया गया। इस मिश्रण को क्रिसमस से पहले कई दिनों तक बड़े कंटेनरों में रखा जाता है और समय-समय पर हिलाया जाता है। इसके बाद, इसे एयरटाइट बैग में डालकर परिपक्व होने के लिए छोड़ दिया जाता है। क्रिसमस के दिन इस मिश्रण को केक बैटर के साथ मिलाकर बेक किया जाता है और लोगों को दिया जाता है।कार्यक्रम की शुरुआत से पहले चीफ शेफ गुलशन ने सभी को केक मिक्सिंग परम्परा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यह यूराेप से निकली परम्परा है, जिसे आज इंडिया में भी बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लिया। यह क्रिसमस की शुरुआत के साथ सर्दियों के मौसम का जश्न मनाने का तरीका है।रंगीन चैरी, डेट्स, प्लम और भी तरह-तरह के ड्राई फ्रूट्स के साथ करंट्स, सॉल्टनेज, ड्राइड फिग्स, ग्लेस चैरिज, ब्राउन शुगर, मिक्स्ड मसाले, बादाम फ्लैक्स को मिलाकर केक मिक्सर तैयार किया गया।
केक मिक्सिंग सेरेमनी एक पारंपरिक और उत्सवपूर्ण आयोजन है जो खासकर क्रिसमस और न्यू ईयर के मौसम में होटलों, रेस्टोरेंट्स और बेकरीज़ में मनाया जाता है। यह समारोह विशेष रूप से केक बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें लोग एक साथ मिलकर विभिन्न सामग्री जैसे सूखे मेवे, फल, मसाले, शराब आदि को एक साथ मिलाते हैं, जो बाद में क्रिसमस के केक के लिए उपयोग की जाती हैं। इस समारोह का उद्देश्य न केवल केक बनाने की प्रक्रिया को खास बनाना है, बल्कि यह सामूहिक उत्सव का हिस्सा भी है।
केक मिक्सिंग की परंपरा का इतिहास यूरोप में मनाई जाती है, विशेषकर ब्रिटेन और जर्मनी में, जहां यह एक पुरानी परंपरा है। यूरोपीय देशों में, क्रिसमस के समय केक तैयार करना एक बड़ा और महत्वपूर्ण आयोजन था और इसमें हर परिवार और समुदाय का अपना तरीका था। भारत में केक मिक्सिंग सेरेमनी का आगमन ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान हुआ था, जब पश्चिमी संस्कृति और परंपराएं भारतीय समाज में आकर मिश्रित हो रही थीं। खासकर गोवा और अन्य कैथोलिक बहुल क्षेत्रों में यह परंपरा क्रिसमस से जुड़ी थी। हालांकि, भारत में इस सेरेमनी को एक व्यावसायिक और सार्वजनिक उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा कुछ सालों पहले शुरू हुई।
जानकारों का मानना है कि केक मिक्सिंग सेरेमनी का मुख्य उद्देश्य क्रिसमस के लिए तैयार होने वाले केक को बनाने से पहले सामूहिक रूप से सामग्री को मिलाना होता है। इसमें आमतौर पर सूखे मेवे, किशमिश, काजू, बादाम, फलों का रस, ब्रांडी, रम या अन्य शराब डाली जाती है। यह एक तरह से तैयारियों का हिस्सा होता है, जो उस सामूहिक भावना को प्रदर्शित करता है जो त्यौहारों के दौरान महसूस होती है। इस आयोजन के माध्यम से लोग एक साथ आते हैं, और आपसी मेलजोल और खुशी का अनुभव करते हैं।
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