
डेहरी आन सोन। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा पर्यटकों को मारी गई गोली में बलिदान हुए आइबी के डीएसपी रैंक के अधिकारी मनीष रंजन रोहतास के करगहर थाना क्षेत्र के अरुही गांव के निवासी थे। सासाराम शहर के गोरक्षणी में भी उनका घर है। सासाराम में रह रहे उनके चाचा आलोक मिश्र ने बताया कि तीन दिन पहले मनीष हैदराबाद से वैष्णोदेवी गए थे। उन्होंने बताया कि मनीष के पिता डॉ मंगलेश मिश्र पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के झालदा में कार्यरत हैं। पिता को भी 22 अप्रैल को वैष्णोदेवी जाना था। पत्नी आशा देवी के साथ वे ट्रेन से वैष्णोदेवी जा रहे थे कि रास्ते में आतंकी हमला में मारे जाने की सूचना मिली। सूचना के बाद ट्रेन से उतरकर रांची लौट गए। बताया कि मनीष तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। मनीष के मंझला भाई राहुल रंजन एफसीआइ एवं विनीत रंजन पश्चिम बंगाल में मद्य निषेध भाग में कार्यरत हैं। मां-पिता के साथ छोटे भाई विनीत रंजन रांची में मनीष रंजन के शव आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मनीष की पहली पोस्टिंग दिल्ली फिर रांची और वर्तमान में हैदराबाद में पोस्टिंग थी। सभी परिवार खुशी से रह रहे थे कि आतंकवादियों ने पर्यटन टूर पर गए मनीष की हत्या कर दहशत फैला दिया। मनीष की हत्या के बाद से स्वजन सिर्फ रो रहे हैं।