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भोपाल-इंदौर समेत मप्र के 13 जिले शीतलहर की चपेट में

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भोपाल। पश्चिमी विक्षोभ और पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते हवा का रूख उत्तरी हो गया है, जिसके चलते मध्य प्रदेश में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है और ठंड का असर भी तेज हो चला है। रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। संभवत: पहली बार नवंबर माह के पहले पखवाड़े में भोपाल, इंदौर सहित कई शहरों में लगातार पांच दिन तक तीव्र शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक और बना रह सकता है।

अनूपपुर और बालाघाट में पिछले 2 दिन से कोल्ड डे की स्थिति है। गुरुवार को भी यही अलर्ट है। मौसम विभाग ने गुरुवार को इंदौर, राजगढ़, भोपाल, शाजापुर, सीहोर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, उमरिया और सिवनी में कोल्ड वेव चलने का अलर्ट जारी किया है। अगले चार दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया कि इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले ही एक्टिव हो गए। इस वजह से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हो रही है। उत्तर से दक्षिणी की ओर बहने वाली हवा का असर एमपी में भी पड़ रहा है। जिससे ठंड का असर तेज हो गया है। नवंबर के पहले पखवाड़े में संभवत: पहली बार न्यूनतम तापमान इतना कम दर्ज हो रहा है। अमूमन नवंबर के अंत में कहीं-कहीं शीतलहर की स्थिति बना करती थी। किसी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में सक्रिय होने पर हवाओं का रुख बदलने से तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, लेकिन अभी तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है।

बुधवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़ में तीव्र शीतलहर एवं सीहोर, शाजापुर, रीवा एवं शहडोल जिले में शीतलहर का प्रभाव रहा। प्रदेश में रात का सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में दर्ज किया गया। बुधवार को दिन का सबसे अधिक 30.5 डिग्री सेल्सियस तापमान खंडवा में रिकॉर्ड किया गया। मलाजखंड में शीतल दिन रहा।

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