
जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुख्य सरगना समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित फर्जी निवेश स्कीम के जरिए लोगों को फंसाते थे और ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। इसके लिए आरोपितों की ओर से बकायदा वेबसाइट बनाई और सोशल मीडिया के जरिए जमकर प्रचार किया गया। लोगों को झांसे में लेने के लिए मुख्य सरगना सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर शामिल होता था और चंदे के रूप में मोटी रकम देता था। इस गिरोह ने अलग-अलग कंपनियों और योजनाओं के जरिए हजारों लोगों को शिकार बनाया।
एसओजी पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शरत कविराज ने बताया कि करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए प्रिंस सैनी उर्फ बंशीलाल (24), ममता भाटी (24) और दिनेश बागड़ी (24) को गिरफ्तार किया है। इन्होंने अलग-अलग कंपनियां खोलकर हजारों लोगों को निवेश और आकर्षक ऑफर देकर करोड़ों रुपये की ठगी की। यह गिरोह हाल में पांच-छह लाख रुपये में लग्जरी गाड़ी देने का दावा कर चर्चा में आया। एसओजी की जांच में सामने आया कि वर्ष 2017 में 12वीं में फेल होने के बाद आरोपित बंशीलाल ने ट्रोनैक्ट वर्ल्ड कंपनी शुरू की और 54 लोगों से 6.48 लाख रुपये की ठगी की। इसके बाद 2022 में उसने ग्रो मोर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ऑनलाइन कोचिंग का झांसा देकर 2,200 छात्रों से करीब 60 लाख रुपये की वसूली की।
आईजी शरत कविराज ने बताया कि इसके बाद आरोपितों ने हार्वेस्ट एआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाकर लोगों को लग्जरी गाड़ी देने का लालच दिया। 250 से अधिक व्यक्तियों से करोड़ों रुपये का चूना लगाया। फर्जी वेबसाइट बनाकर खुद को इंटरनेशनल कंपनी बताने के साथ 2 लाख संतुष्ट ग्राहक होने का दावा किया। विदेशी नाम और फोटो का इस्तेमाल कर भी लोगों को गुमराह किया गया। इसके लिए आरोपितों ने सोशल मीडिया पर झूठे प्रचार और इवेंट्स कर आरोपियों ने नई स्कीम निकाली। इसमें 2380 रुपये निवेश कर 11 माह में 8 हजार रुपये का रिटर्न और हर दिन लकी ड्रॉ से बाइक-स्कूटी देने का लालच दिया। कंपनी के टोकन बाजार में लिस्टेड होने का दावा कर 40 से अधिक लोगों से 2–3 करोड़ रुपये ठग लिए।
एसओजी जांच में सामने आया कि आरोपियों ने निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगकर उन्हें रिटर्न नहीं दिया। रकम का दुरुपयोग कर विलासिता और प्रचार-प्रसार पर खर्च किया। आरोपियों के खिलाफ थाना एसओजी में भारतीय न्याय संहिता और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस साजिश में कई अन्य लोगों के शामिल होने का अंदेशा हैं एसओजी गिरोह से जुड़े बाकि लोगों की भी तलाश में जुटी हैं।
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